मचलती कलम
कुछ अनछुए पल,कटोरी यादों की और भावनाओं का संगम..
Labels
शायरी
कुछ कविताएँ
Articles
Monday, June 29, 2015
आख़री शायरी में तुझे खुदा लिखूंगा
जो ख़त्म हो जाएगा दर्द-ए-मोहब्बत तो क्या लिखूंगा..
वह दिन आख़िरी होगा,आख़री शायरी में तुझे खुदा लिखूंगा..
©सार्थक सागर
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment