सुलाया नहीं अरसे से गोद में अपनी..
अपना बिस्तर पराए सा लगता है..
तेरी यादों के छाप हैं हरेक दीवार पर..
मेरा घर भी मुझे किराए का लगता है..
© सार्थक सागर
अपना बिस्तर पराए सा लगता है..
तेरी यादों के छाप हैं हरेक दीवार पर..
मेरा घर भी मुझे किराए का लगता है..
© सार्थक सागर
Very nice.. You play well with words :)
ReplyDeletehttp://zigzacmania.blogspot.in/
Thanks Anjali..
DeleteI try to express my emotions with words
Happy reading :)