मचलती कलम
कुछ अनछुए पल,कटोरी यादों की और भावनाओं का संगम..
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Monday, June 22, 2015
इश्क़ गिरा सिरहाने से
आह गहरी पर आहट नहीं..
इश्क़ गिरा था सिरहाने से..
आधी रात तुम याद आए..
चाहे दर्द के ही बहाने से..
© सार्थक सागर
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