खुश चेहरे के अंदर भी कुछ ग़म होता है..
दोपहर का सूखा रेत भी भीतर नम होता है..
लोग रिश्ते तोड़ते हैं कहकर मोहब्बत नहीं रही..
प्यार क्या छोड़े जाने से ख़त्म होता है..
© सार्थक सागर
दोपहर का सूखा रेत भी भीतर नम होता है..
लोग रिश्ते तोड़ते हैं कहकर मोहब्बत नहीं रही..
प्यार क्या छोड़े जाने से ख़त्म होता है..
© सार्थक सागर
Beautiful lines :)
ReplyDeleteThanks Anjali ..happy reading
Delete