मचलती कलम
कुछ अनछुए पल,कटोरी यादों की और भावनाओं का संगम..
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Wednesday, September 7, 2016
कोरा मैं
कुछ एहसास
पन्नों
में छुपाकर और कोरा हो गया मैं |
लो फिर वही ख़्वाब देखते देखते सो गया मैं ||
© सार्थक सागर
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