मचलती कलम
कुछ अनछुए पल,कटोरी यादों की और भावनाओं का संगम..
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Tuesday, March 29, 2016
आशियाँ
दिल के टुकड़े समेट फिर से बनाया है एक आशियाँ |
जो अब के टूटा तो कोई वजूद भी ना रहेगा |
©सार्थक सागर
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