मचलती कलम
कुछ अनछुए पल,कटोरी यादों की और भावनाओं का संगम..
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Thursday, May 14, 2015
पहली मुलाक़ात का दिन
कुछ आँसू के कतरे फिर निकलेंगे आँखों की खिड़कियों से..
तुम नहीं आती कम्बख़्त पहली मुलाक़ात का दिन आ जाता है..
©सार्थक सागर
2 comments:
Unknown
May 14, 2015 at 6:06 AM
खूबसूरत
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Sarthak Sagar
May 14, 2015 at 11:07 PM
धन्यवाद.. :)
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खूबसूरत
ReplyDeleteधन्यवाद.. :)
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