मचलती कलम
कुछ अनछुए पल,कटोरी यादों की और भावनाओं का संगम..
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Sunday, November 30, 2014
पाक़ दिल
किसी को समझने के लिए गहराइयों में उतरना क्यों पड़े..
काश दिल इतना साफ़ हो बाहर से देखो और सब दिखे..
सार्थक सागर
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