आता नही रोना तो क्यों गम छुपाए रखते हो..
बिना खोए प्यार में दिल कैसे लगाए रहते हो..
रह तो लूँगा किसी के साथ मगर जियूंगा कैसे..
क्यों साथ रहने और जीने का फ़र्क भुलाए देते हो..
बेसलीका बात के अंदाज़ का क्या कहना..
मैं आँखों से कहता और तुम दिल में मुस्काए देते हो..
प्यार में तो मज़ा है बस हारने वाले को..
क्यों मुझे उस खुशी से बहटाए देते हो..
मुझे तो आता है खोना तेरी याद मैं..
एक बार वापिस आओ सुना है....
मरने वाले को भी जिंदगी दिलाए देते हो..
सार्थक सागर
No comments:
Post a Comment