Monday, September 25, 2017

तुम दुर्गा रूप बना लेना

जो हाथ छुएँ दामन को तेरे 
उसे काट वहीँ दफना देना 
जब जब कोई महिषासुर आए 
तुम दुर्गा रूप बना लेना ||

वह दैत्य सा अट्टहास  करेगा 
वह तुम्हें कुचलना चाहेगा 
जब तुमको कोई यूँ ललकारे 
उसे शक्ति स्वरुप दिखा देना 
जब जब कोई महिषासुर आए 
तुम दुर्गा रूप बना लेना ||

वह चीख पुकार मचाएँगे ,भय खाएँगे
जब तुम्हारे भीतर का सिंह दहाड़ेगा
सीता भी तुम , तुम काली भी 
उन्हें यह बात ज्ञात करा देना 
जब जब कोई महिषासुर आए 
तुम दुर्गा रूप बना लेना ||

(बी.एच.यू. लाठी चार्ज में छात्राओं के आन्दोलन को समर्पित )


© सार्थक सागर 

Tuesday, September 19, 2017

अपने शहर की हवा

लो मिल गई है मेरे शहर की हवा मुझसे 
लो फिर आज मैं ज़रा बेफ़िक्र हो गया ||