मचलती कलम
कुछ अनछुए पल,कटोरी यादों की और भावनाओं का संगम..
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Sunday, July 23, 2017
पानी सा तू बावरे
पानी सा तू बावरे
क्यों ऐसे इठलाए |
जिसको तू जैसा भावे
वह वैसा रंग मिलाए ||
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