मचलती कलम
कुछ अनछुए पल,कटोरी यादों की और भावनाओं का संगम..
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Thursday, November 5, 2015
सितमगर
हर रात सोचता है दिल सिर्फ़ तुम्ही को..
है तो मेरा पर मुझपे ही सितम करता है..
©सार्थक सागर
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